आने वाले समय में देश में पेट्रोल-डीजल के दाम कम हो सकते हैं. इससे अलावा कई ऑफर्स भी मिल सकते हैं. आने वाले समय में पेट्रोलियम मार्केटिंग बिजनेस में 6 नई प्राइवेट कंपनियां भी शामिल हो सकती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में जो बात सामने आ रही है उसके अनुसार, आने वाले समय में 6 निजि कंपनियों को पेट्रोल-डीजल बेचने की इजाजत मिल सकती है.
बता दें, जिन कंपनियां को पेट्रोल-डीजल बेचने की अनुमति मिल सकती है उनमें आईएमसी, ऑनसाइट एनर्जी, असम गैस कंपनी, एमके एग्रोटेक, आरबीएमएल सॉल्यूशंस इंडिया, मानस एग्रो इंडस्ट्रीज और इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड शामिल हैं. इन कंपनियों के आने के बाद पेट्रोलियम मार्केटिंग बिजनेस में कुल 14 कंपनियां हो जाएंगी.
सरकारी कंपनियों का फिलहाल बाजार पर कब्जा: पेट्रोलियम मार्केटिंग बिजनेस में फिलहाल सरकारी कंपनियों का कब्जा है. देश में 90 फीसदी पेट्रोल पंप का कारोबार सरकारी कंपनियों के द्वारा ही किया जाता है. ऐसे में अब प्राइवेट कंपनियों के आने से बाजार में कंपीटिशन बढ़ेगा. इससे तेल के दामों में भी कमी आएगी.
ग्राहकों को हो सकता है फायदा: निजि कंपनियों के इस सेक्टर में आने से ग्राहकों को काफी फायदा हो सकता है. पहला तो ज्यादा कंपनियों के आ जाने से ज्यादा पेट्रोल पंप होंगे. ग्रामीण इलाकों में पेट्रेाल पंप खुलेंगे. सर्विस भी बेहतर होगी. दूसरा कई लोगों का मानना है कि प्राइवेट सेक्टर के शामिल होने से अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए कंपनियां कई ऑफर के साथ-साथ तेल के दाम में कमी भी करेंगी.
क्या हैं दिशा निर्देश: पेट्रोल पंप को लेकर जारी सरकार के निर्देशों के अनुसार, नए लाइसेंस ऐसी कंपनियों को मिलेंगे, जिनकी न्यूनतम कमाई 250 करोड़ रुपये से ज्यादा है. वहीं, कंपनियों को 2 हजार करोड़ रुपये का निवेश करना होगा. इसके अलावा 5 साल के अंदर कम से कम सौ पेट्रोल पंप ङी खोलने होंगे.
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