
जीएसटी विभाग (GST Department) के रडार पर ऐसे छोटे व्यापारी (Small Businessman) भी आ गए हैं, जिनका सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये है और इन व्यापारियों ने अपना पंजीयन जीएसटी (GST Registration) में नहीं कराया है। अधिकारी व्यापारियों की आय संबंधी जानकारी के हर स्त्रोत का पता करा रहे हैं। दोषी पाने पर व्यापारी के खिलाफ जुर्माना व पिछले साल से टैक्स असेसमेंट भी किया जाएगा। जितना कर बनेगा, जमा कराया जाएगा। इसके लिए जीएसटी (GST) विभाग में स्पेशल टीमों का गठन किया गया है, जो जिले में ऐसे व्यापारियों का पता लगा रही हैं।
बता दें कि सेवा प्रदाता व्यापारियों का 20 लाख और माल (गुड्स) बेचने वाले कारोबारियों का 40 लाख सालाना टर्नओवर होने पर उन्हें पंजीयन कराना अनिवार्य है। लेकिन, बहुत से व्यापारी इस गफलत में पंजीयन नहीं कराते हैं कि 20 लाख और 40 लाख सालाना टर्नओवर पर पंजीयन अनिवार्य नहीं है। विभागीय अधिकारी ऐसे व्यापारियों की इनकम टैक्स विभाग में दाखिल आइटीआर, बिजली विभाग में जमा बिजली के बिल, श्रम विभाग में पंजीकृत कर्मचारियों की संख्या, ऑनलाइन पोर्टल पर बिक्री, पेटीएम समेत अन्य ऑनलाइन भुगतानों के माध्यम से ब्योरा जुटा रहे हैं। क्योंकि शासन ने पंजीयन बढ़ाने पर जोर दिया है।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 20 लाख सालाना टर्नओवर वाले व्यापारी भी पंजीयन कराएं। इससे 10 लाख रुपए मुफ्त दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा। बड़े व्यापारी उनसे माल खरीदे और बेचेंगे। पंजीयन होने पर ही माल खरीदने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ भी मिलेगा। डिप्टी कमिश्नर प्रशासन ने बताया कि 2019-20 में 10 और 2018-19 में सात लोगों को बीमा दुर्घटना का लाभ मिला है।
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