
शादी के बाद हर महिला बिछिया पहनती है, इसे पहनना शुभ माना जाता है। आमतौर पर बिछिया चांदी की होती है। और यह महिलाओं के सोलह श्रृंगारों में शामिल है। इन सोलह श्रृंगारों में 15वें पायदान पर पैर की अंगुलियों में बिछिया पहनने का रिवाज है। सारे श्रृंगार बिछिया और टीका के बीच होते हैं। सोने का टीका और चांदी की बिछिया का भाव ये होता है कि आत्म कारक सूर्यऔर मन कारण चंद्रमा दोनों की कृपा जीवनभर बनी रहे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे का कारण जाना की क्यों पहनती महिलाएं
महिलाओं का बिछिया पहनना का कारण सिर्फ उनके शादिशुदा होना ही नहीं दर्शाता बल्कि इसके पीछे के कई वैज्ञानिक कारण भी है। आइए जानते हैं वे कारण जिनके कारण महिलाओं का बिछिया पहनना अच्छा माना जाता है। शादी के वक्त कन्या के पैर में बिछिया दबाई जाती है। दोनों पांवों के बीच की तीन उंगलियों में बिछिया पहनी जाताी है। मांग में सोने का टीका सजाने और चांदी की बिछिया पहनने के अन्य कई अर्थ है।
प्रजनन क्षमता बढ़ाती है बिछिया
हमने अधिकतर महिलाओं को बिछिया हमेशा दाहिने तथा बाएं पैर की दूसरी अंगुली में ही पहने देखा है। दरअसल इसे यहां पहनने से यह गर्भाशय को नियन्त्रित करती है और गर्भाशय में सन्तुलित ब्लड प्रेशर द्वारा उसे स्वस्थ रखती है। वहीं पैरों में बिछिया महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने में बहुत अहम भूमिका भी निभाती है। साथ ही बिछिया पहनने से साइटिक नर्व की एक नस को बिछिया दबाती है जिस वजह से आस-पास की दूसरी नसों में रक्त का प्रवाह तेज होता है और यूटेरस, ब्लैडर व आंतों तक रक्त का प्रवाह ठीक होता है। इन्हें दोनों पैरों में पहनने से महिलाओं का मासिक चक्र नियमित होता है।
लक्ष्मी का होता है वास
ज्योतिष के अनुसार मानें तो विवाहित महिलाओं को बिछिया दाहिने तथा बाएं पैर की दूसरी अंगुली में पहनने की मान्यता है, मान्यताओं के हिसाब से चांदी की पायल और बिछिया लक्ष्मी का वाहक होते हैं इसलिए इनका खोना शुभ संकेत नहीं होता। इसलिए इन्हें बड़ी सावधानी पूर्वक पहनना चाहिए।
बिछिया खोने से हो सकता है नुकसान
बिछिया कभी भी पैर की अंगुली से खोना नहीं चाहिए साथ ही इन्हें किसी और को उतार कर नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से आपके पति बीमार पड़ सकते हैं।आर्थिक स्थिति ख़राब हो सकती है और पति पर कर्ज चढ़ सकता है।
मांग में क्यों पहनती हैं टीका
मांग के बीचों बीच पहना जाने वाला सोने का बना मांग टीका सिन्दुर के साथ मिलकर स्त्री की सुन्दरता में चार चांद तो लगाता ही है साथ ही लगा देता है. साथ ही मांग में टीका पहनने से दीमाग सम्बन्धी क्रियाएं नियंत्रित, संतुलित तथा नियमित रहती हैं और दीमाग की हर बीमारी को खत्म करती हैं।
महिलाओं का बिछिया पहनना का कारण सिर्फ उनके शादिशुदा होना ही नहीं दर्शाता बल्कि इसके पीछे के कई वैज्ञानिक कारण भी है। आइए जानते हैं वे कारण जिनके कारण महिलाओं का बिछिया पहनना अच्छा माना जाता है। शादी के वक्त कन्या के पैर में बिछिया दबाई जाती है। दोनों पांवों के बीच की तीन उंगलियों में बिछिया पहनी जाताी है। मांग में सोने का टीका सजाने और चांदी की बिछिया पहनने के अन्य कई अर्थ है।
प्रजनन क्षमता बढ़ाती है बिछिया

हमने अधिकतर महिलाओं को बिछिया हमेशा दाहिने तथा बाएं पैर की दूसरी अंगुली में ही पहने देखा है। दरअसल इसे यहां पहनने से यह गर्भाशय को नियन्त्रित करती है और गर्भाशय में सन्तुलित ब्लड प्रेशर द्वारा उसे स्वस्थ रखती है। वहीं पैरों में बिछिया महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने में बहुत अहम भूमिका भी निभाती है। साथ ही बिछिया पहनने से साइटिक नर्व की एक नस को बिछिया दबाती है जिस वजह से आस-पास की दूसरी नसों में रक्त का प्रवाह तेज होता है और यूटेरस, ब्लैडर व आंतों तक रक्त का प्रवाह ठीक होता है। इन्हें दोनों पैरों में पहनने से महिलाओं का मासिक चक्र नियमित होता है।
लक्ष्मी का होता है वास

ज्योतिष के अनुसार मानें तो विवाहित महिलाओं को बिछिया दाहिने तथा बाएं पैर की दूसरी अंगुली में पहनने की मान्यता है, मान्यताओं के हिसाब से चांदी की पायल और बिछिया लक्ष्मी का वाहक होते हैं इसलिए इनका खोना शुभ संकेत नहीं होता। इसलिए इन्हें बड़ी सावधानी पूर्वक पहनना चाहिए।
बिछिया खोने से हो सकता है नुकसान

बिछिया कभी भी पैर की अंगुली से खोना नहीं चाहिए साथ ही इन्हें किसी और को उतार कर नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से आपके पति बीमार पड़ सकते हैं।आर्थिक स्थिति ख़राब हो सकती है और पति पर कर्ज चढ़ सकता है।
मांग में क्यों पहनती हैं टीका

मांग के बीचों बीच पहना जाने वाला सोने का बना मांग टीका सिन्दुर के साथ मिलकर स्त्री की सुन्दरता में चार चांद तो लगाता ही है साथ ही लगा देता है. साथ ही मांग में टीका पहनने से दीमाग सम्बन्धी क्रियाएं नियंत्रित, संतुलित तथा नियमित रहती हैं और दीमाग की हर बीमारी को खत्म करती हैं।
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