
हिंदू धर्म में गंगाजल को बहुत ही पवित्र माना गया है और कहा जाता है कि गंगा में स्नान करने से आपके सारे पाप भी धुल जाते हैं। लोग गंगाजल को शीशियो में भरकर अपने घर में रखते हैं ।लेकिन गंगाजल सालों तक भी खराब नहीं होता, जबकि साधारण जल को भरकर रखने पर वो केवल 2 दिनों में ही खराब हो जाएगा और उसमें कीड़े पैदा हो जाएंगे।
आज हम आपको बताने वाले हैं, कि गंगाजल आखिर खराब क्यों नहीं होता। इसमें बैक्टीरिया क्यों नहीं पनपते। आइए जानते हैं इसके पीछे के रहस्य को
वैज्ञानिकोंं ने शोध किया तो उन्हें पता चला कि गंगाजल में एक ऐसा वायरस पाया जाता है, जिससे वो कभी खराब नहीं होता और उसमें किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया उत्पन्न नहीं होते।
आपको बता दें कि 1890 में जब भारत में हैजा फैला हुआ था, तो मरे हुए व्यक्तियों को गंगा में फेंक दिया गया था और ब्रिटिश साइंटिस्ट ‘अर्नेस्ट हैंकिन’ ने यह सोचा कि इससे तो गंगा का पानी खराब हो जाएगा और उसमें नहाने से कहीं उन्हें भी हैजा ना हो जाए। लेकिन जब ‘अर्नेस्ट हैंकिन’ ने गंगाजल का शोध किया तो वे हैरान रह गए क्योंकि गंगाजल पूरी तरह से शुद्ध था और उन्हें समझ में आया कि गंगाजल में कुछ खास बात जरूर है।
20 साल के फ्रैंच साइंटिस्ट ने इस शोध को आगे बढ़ाया
20 साल के फ्रेंच साइंटिस्ट ने हाल ही में शोध किया था और उन्होंने बताया कि गंगाजल में ‘निंजा वायरस’ पाया जाता है और ये वायरस गंगाजल में किसी भी बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता। इस कारण गंगाजल हमेशा स्वच्छ बना रहता है और इससे हमारे शरीर की कई बीमारियां भी दूर हो जाती हैं। गंगाजल के ऊपर अभी भी शोध चल रहा है और आने वाले समय में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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