
हम अपने जूते चप्पल घर की देहरी पर उतार देते है या फिर अंदर लेकर चले आते है। ऐसा करना न केवल वास्तु शास्त्र के हिसाब से गलत है वहीं ज्योतिष शास्त्र में भी घर में शुद्धता रखने की बात कही गई है। घर जितना शुद्ध रहेगा उतना ही घर में लक्ष्मी का वास बना रहेगा।
आर्थिक स्थिति में संकट:
घर की देहरी पर यदि जूते चप्पल रखे जाते है तो न केवल घर का वातावरण अशुद्ध रहेगा वहीं लक्ष्मी का आगमन भी नहीं होने से आर्थिक स्थिति में संकट उत्पन्न हो सकता है और यदि घर के भीतर तक जूते चप्पल लाये जाये तो गंदगी आकर घर को गंदा करेगी, इसलिये इस मामले में सावधानी बरतने की जरूरत है।
लकड़ी की छोटी अलमारी:
जूते चप्पल के लिये घर की देहरी के थोड़ी दूर या आंगन में लकड़ी की छोटी अलमारी रखी जा सकती है। मान्यता है कि देहरी को जितना पवित्र रखा जायेगा उतनी ही घर में बरकत होने के साथ लक्ष्मी का आगमन बना रहेगा। देहरी पर हो सके तो सुबह रंगोली बनाये या फिर स्वास्तिक भी बनाया जा सकता है।
आर्थिक स्थिति में संकट:
घर की देहरी पर यदि जूते चप्पल रखे जाते है तो न केवल घर का वातावरण अशुद्ध रहेगा वहीं लक्ष्मी का आगमन भी नहीं होने से आर्थिक स्थिति में संकट उत्पन्न हो सकता है और यदि घर के भीतर तक जूते चप्पल लाये जाये तो गंदगी आकर घर को गंदा करेगी, इसलिये इस मामले में सावधानी बरतने की जरूरत है।
लकड़ी की छोटी अलमारी:
जूते चप्पल के लिये घर की देहरी के थोड़ी दूर या आंगन में लकड़ी की छोटी अलमारी रखी जा सकती है। मान्यता है कि देहरी को जितना पवित्र रखा जायेगा उतनी ही घर में बरकत होने के साथ लक्ष्मी का आगमन बना रहेगा। देहरी पर हो सके तो सुबह रंगोली बनाये या फिर स्वास्तिक भी बनाया जा सकता है।
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