अक्सर हम सभी एक बात का अनु’भव जरूर करते हैं कि अचा’नक मेहनत से कमाया हुआ धन अ’धिक खर्च होने लगता है। यह खर्च फि’जूल, किसी को उधार देने या फिर बीमा’रियों के इलाज होने पर बढ़ जाता है। इसके अलावा घर में शांति की जगह अशां’ति, लड़ाई-झगड़े और नकारा’त्मकता हावी होने लगता है। बनते हुए काम बिगड़ने लगते हैं और हर एक काम में असफ’लता मिलने लगती है। वास्तु’शास्त्र में अचानक ऐसी घटना’ओं के बढ़ जाने के पीछे, आपके घर और आस-पास फैली नकारा’त्मक ऊर्जा और वास्तु दोष की वजह से होता है। कुछ वास्तु’दोष के कारण अ’क्सर पैसा नहीं टिक पाता है। आइए जानते हैं इन वा’स्तु दोष का कारण…
घर में लगा’तर पानी की बर्बादी होना जैसे, घर की टंकियों से अनावश्यक पानी का बहना, नल की टोटियों से लगा’तर पानी का टप’कना वास्तु में अशु’भ माना गया है। इससे चंद्रमा कम’जोर होता है जिससे धन हानि और स्वा’स्थ्य संबंधी परेशा’नियां आती हैं।
घर पर रखी हुए घड़ि’यां कभी रुकी नहीं होनी चाहिए। इससे घर में नकारा’त्मक ऊर्जा का विस्तार होता है और किसी भी कार्य में सफ’लता देर तक मिलती है।
वास्तुशास्त्र में दिशाओं का महत्व
घर का मु’ख्य द्वार हमेशा साफ और सुंदर रखना चाहिए। शाम के वक्त इस जगह पर हमेशा रौशनी होनी चाहिए। यहाँ पर अंधे’रा रखना बेहद अशुभ माना जाता है।
वास्तुशास्त्र में दिशाओं का महत्व
वास्तु में सूखे पौधे नि’राशा का प्रतीक माने गए हैं,ये तर’क्की में बाधा बनते हैं। यदि आपने अपने घर के आँगन में पौधे लगा रखे है तो उनकी उचित देख’भाल करें।
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